Wednesday, April 28, 2010

माँ तो बस माँ होती है



माँ तो बस माँ होती है
बच्चों को भरपेट खिलाती
खुद भूखी ही सोती है
माँ तो बस माँ ही होती है।।

बच्चों की चंचल अठखेली
देख-देख खुश होती है
बचपन के हर सुंदर पल को
बना याद संजोती है
माँ तो बस माँ ही होती है।।

देख तरक्की बच्चों की वो
आस के मोती पोती है
बच्चों की खुशहाली में वो
अपना जीवन खोती है
माँ तो बस माँ होती है।।

बच्चों की बदली नजरों से
नहीं शिकायत होती है
जब जब झुकता सिर होठों पर
कोई दुआ ही होती है
माँ तो बस माँ ही होती है।

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