Saturday, November 19, 2011

जीवन का अर्थ


हर पल रोना साहस खोना
दिल क्या नन्हा सा छौना है
क्यों डरता मन धड़कन-धड़कन
जीवन नहीं खिलौना है

क्या तेरा है क्या है मेरा
क्या चांदी क्या सोना है
रंग -बिरंगी दुनिया को भी
एक रंग में खोना है |

प्यार की खातिर कुछ पल जी ले
भरा हलाहल खुद ही पी ले ,
नींव बने जो शिखर छोड़कर
जीवन वही सलोना है |

एक दिन वह भी आएगा
किया भला सो पाएगा
नन्ही सी हर बूँद को एक दिन
सीप का मोती होना है |
bharti pandit