फागुन आयो रंग जमायो
गूँजे हँसी ठिठोली
ले पिचकारी रंगने निकली
हुरियारों की टोली
बिरज में कान्हा खेल रहे होली
उडी रे मेरी चूनर भीग गई चोली |
रंग अबीर ले कान्हा भागे ,गोरी हाथ छुडावे
नाजुक है कलाई करो ना बरजोरी ||
फर-फर उड़ता रंग-गुलाल, सर-सर रंगों की बौछार
उसे ना सताओ दुल्हन है नवेली ||
लाल-गुलाबी -नीला-पीले रंग चढ़े न कोई
श्याम तेरी सजनी श्याम रंग हो ली ||
फर-फर उड़ता रंग-गुलाल, सर-सर रंगों की बौछार
ReplyDeleteउसे ना सताओ दुल्हन है नवेली ||
बढ़िया होली गीत
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