Tuesday, March 27, 2012

यादें

जीवन की हलचल में कोमल से कुछ पल
छूते है दिल को और बनती है यादें |
समतल सी राहों में नुकीले से पत्थर
चुभते हैं पग में और बनती है यादें |
गर्म दुपहरी में एक ठंडा सा झोंका
सहलाए तन को तो बनती है यादें |
चन्दा की चमचम को नटखट सा बादल
ढंकता है आकर तो बनती है यादें |
मीठी और कड़वी ,खट्टी और तीखी
रसना के स्वादों सी होती हैं यादें |
अपनाए उनको जो मीठी हैं यादें
दिल को दुखाए ,वो यादें भुला दें|

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