हाल ही में आई. आई. टी. के नतीजे बड़े जोर शोर से घोषित हुए और बड़ी चतुराई से पेपर प्रिंटिंग में हुई गयी सारी गलतियों को दबा दिया गया और नतीजे घोषित कर दिए गए. सफल छात्रों को तो ताज पहना दिए गए मगर क्या उन छात्रों के बारे में किसी ने सोचा जो योग्य होते हुए भी पेपर की गलती की वजह से या परीक्षा हॉल में सही इंस्ट्रक्शन न मिलने के कारण कंफ्यूज हो गए और सफलता से वंचित रह गए. दो महत्वपूर्ण सालों की मेहनत के बाद भी दूसरे की गलती के कारण उन्हें मिली असफलता की जिम्मेदारी कोई ले सकता है? क्या शिक्षा के जाने माने संस्थानों की यह गलती माफ़ की जानी चाहिए ?
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