प्रेम है एक मासूम अहसास

जो बादल सी घुमड़ती है पल-पल
जो झरने सी झरती है झर-झर
जो बूँदों सी बरसती है झम-झम
या पायल सी खनकती है छम-छम।
प्रेम है एक मासूम अहसास
जो छुपा है सृष्टि के हर मन में
चँदा और बदली के आलिंगन में
धरती और गगन के मिलन में
या वृक्ष पर लता के आरोहण में।
प्रेम है एक शाश्वत सत्य
जो जीवन को देता है संबल
मन में जगाए विश्वास हर पल
जो हम फैलाए स्नेह का आँचल
तो ये धरती क्यों ना बने स्वर्ग-तल।